मलेरिया रोग कैसे होता है और मलेरिया के लक्षण क्या है -
मलेरिया रोग एककोशिकीय परजीवी प्रोटोजोआन प्लाज्मोडियम द्वारा होता है। मलेरिया रोग में रोगी को कपकपी एवं ठण्ड लगने के साथ तेज बुखार चढ़ता है जो कुछ समय के बाद पसीने आने के साथ कम हो जाता है मलेरिया रोग होने से रोगी को तेज बुखार सिर दर्द और उल्टी महसूस होता है।
बुखार के समय रोगी के रुधिर का स्लाइड का निरक्षण करने पर रोग का पता चलता है।
मलेरिया रोग कैसे फैलता है-
मलेरिया रोग मादा एनाफिलीज मछर के काटने से फैलता यह रोग एक व्यक्ति से से दूसरे व्यक्ति में मछर के काटने से फैलता है मछर अधिकतर दलदली व् जहाँ पानी का जमाव अधिक होता है इन्ही इलाको में ये अधिक होते है अतः मलेरिया भी इन्ही क्षेत्र में अधिक होता है।
जब मादा एनाफिलीज मछर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके रुधिर में मलेरिया पैदा करने वाले परजीवी को छोड़ देता है यह परजीवी मनुष्य के रुधिर में पहुँचता है और रुधिर में पहुंचने के बाद लाल रुधिरत कणिकाओं तथा यकृत कोशिकाओं को नष्ट करता है बड़ी संख्या में rbc के नष्ट होने से हीमोजॅाइन नामक विशैला पदार्थ बनता है जिसके कारण कपकपी होती है तेज बुखार होता है तथा रोगी अत्यधिक कमजोर हो जाता है।
मलेरिया रोग का उपचार-
मलेरिया रोग के उपचार के लिए quinine नामक औषधि का प्रयोग करते है quinine औषधि 300 साल पुरानी बनी हुई औषधि है यह डच ईस्ट इण्डीज ,बार्ट,पेरू लंका आदि देशो में सिन्कोना वृक्ष की छाल के सत से बनाई जाती है यह रोगी के रुधिर में उपस्थित प्लाज्मोडियम की सभी प्रावस्थाओ को नष्ट कर देता है
मलेरिया रोग से बचाव के उपाय-
- मलेरिया रोग से बचने के लिए अपने घर के आस पास साफ रखे और गड्डे जहाँ पानी रुकता है उसे डक दे जिससे पानी न रुके क्योंकि पानी वाले स्थान पर ज्यादा मच्छर पैदा होता है।
- नालियों और पानी रुकने वाले स्थान पर केरोसिन आयल डाले दे जिससे मच्छर न पैदा हो।
- घरो में DDT का छिड़काव करे।
- मच्छर से बचने के लिए अपने घर के खिड़कियों व् दरवाजो पर जाली लगाए।
- सोते समय मछड़दानी का प्रयोग करे।
- मच्छरो से बचने के लिए मॉर्टिन का प्रयोग करे
मलेरिया के लक्षण -
- कपकपी के साथ ठण्ड लगना
- तेज बुखार आना
- बुखार आने के समय ठण्ड लगना बादमे पसीना आना
- तेज सिर एवं शरीर दर्द करना
- उल्टी होना
- 48 घंटा के चक्र में बुखार आना
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